रेलवे स्टेशन पर सुनाई देने वाली आवाज़ ‘यात्रीगण कृपया ध्यान दें’किसकी है? जानिए कौन है….

यातायात के साधनों में भारतीय रेल की एक अपनी जगह है। रेलगाड़ी की वजह से भारत का विकास काफी तेज हुआ है ट्रेन के कारण लंबी लंबी दूरियां कम समय में तय हो जा रही हैं, इसका प्रयोग भरी-भरी सामानों को ढोने में भी किया जाता है ट्रैन से लोग

यातायात के साधनों में भारतीय रेल की एक अपनी जगह है। रेलगाड़ी की वजह से भारत का विकास काफी तेज हुआ है ट्रेन के कारण लंबी लंबी दूरियां कम समय में तय हो जा रही हैं, इसका प्रयोग भरी-भरी सामानों को ढोने में भी किया जाता है ट्रैन से लोग आराम से एक जगह से दूसरी जगह सफर कर सकते हैं। इसकी वजह से कई गांव तथा शहर एक दूसरे से जुड़ गए हैं, इस तरह से भारत की तरक्की में ट्रेन का एक महत्वपूर्ण योग दान है, इसी के साथ ट्रेन का सफर सबसे मजेदार सफर होता है। लेकिन रेलवे स्टेशन पर एक आवाज सबसे ज्यादा सुनाई पड़ती है जिसमें जिसमें एक महिला कहती है “यात्रीगण कृपया ध्यान दें”

yatri gan kripaya dhyan de

आखिरी आवाज कौन सी महिला कि है जो हमें हर रेलवे स्टेशन पर सुनाई पड़ती आती है। या आवाज हर स्टेशन पर एक जैसी होती है एक लेडी की आवाज हम सालों से सुनते आ रहे हैं। चूकि यह आवाज हर रेलवे स्टेशन पर सुनाई पड़ती है परंतु यह आवाज एक ही महिला की है, और यह महिला पिछले 20 साल से अनाउंसमेंट रही है जिसकी आवाज हमारे कानों में सालों से गूंज रही है।

इस महिला का नाम है सरला चौधरी, यह पिछले 20 साल से अनाउंसमेंट कर रही हैं, साल 1982 में सरला ने रेलवे अनाउंसमेंट के पद के लिए टेस्ट दिया था। टेस्ट के बाद उन्होंने रेलवे में दैनिक मजदूरी पर कार्य करना प्रारंभ किया।
उनकी कड़ी मेहनत और आवाज को देखते हुए 1986 में उनका पद स्थाई कर दीया गया।

 यातायात के साधनों में भारतीय रेल की एक अपनी जगह है। रेलगाड़ी की वजह से भारत का विकास काफी तेज हुआ है ट्रेन के कारण लंबी लंबी दूरियां कम समय में तय हो जा रही हैं, इसका प्रयोग भरी-भरी सामानों को ढोने में भी किया जाता है ट्रैन से लोग आराम से एक जगह से दूसरी जगह सफर कर सकते हैं। इसकी वजह से कई गांव तथा शहर एक दूसरे से जुड़ गए हैं, इस तरह से भारत की तरक्की में ट्रेन का एक महत्वपूर्ण योग  दान है, इसी के साथ ट्रेन का सफर सबसे मजेदार सफर होता है। लेकिन रेलवे स्टेशन पर एक आवाज सबसे ज्यादा सुनाई पड़ती है जिसमें जिसमें एक महिला कहती है "यात्रीगण कृपया ध्यान दें"   आखिरी आवाज  कौन सी महिला कि है जो हमें हर रेलवे स्टेशन पर सुनाई पड़ती आती है। या आवाज हर स्टेशन पर एक जैसी होती है एक लेडी की आवाज हम सालों से सुनते आ रहे हैं। चूकि यह  आवाज हर रेलवे स्टेशन पर सुनाई पड़ती है परंतु यह आवाज एक ही महिला की है, और यह महिला पिछले 20 साल से अनाउंसमेंट  रही है जिसकी आवाज हमारे कानों में सालों से गूंज रही है।   इस महिला का नाम है सरला चौधरी, यह पिछले 20 साल से अनाउंसमेंट कर रही हैं, साल 1982 में सरला ने रेलवे अनाउंसमेंट के पद के लिए टेस्ट दिया था। टेस्ट के बाद उन्होंने रेलवे में दैनिक मजदूरी पर कार्य करना प्रारंभ किया।  उनकी कड़ी मेहनत और आवाज को देखते हुए 1986 में उनका पद स्थाई कर दीया गया।   पहले समय में अनाउंसमेंट आसान काम नहीं था हर स्टेशन स्टेशन पर जाकर उन्हें अनाउंसमेंट करना पड़ता था।  उन्होंने अलग-अलग भाषाओं में भी ना उसमें दिया है। उनके अनुसार अनाउंसमेंट  को रिकॉर्ड करने में 3 से 4 दिन लग जाते थे। बाद में रेलवे स्टेशन ने सारे अनाउंसमेंट  संभालने की जिम्मेदारी  ट्रेन  मैनेजमेंट सिस्टम को दे दिया।   अब सरला की आवाज को इस विभाग ने कंट्रोल रूम में सेव कर लिया है। सरला जी ने बताया कि किसी निजी  कारणों की वजह से 12 साल से वह इस काम को छोड़ चुकी है अब वह  OHE विभाग में कार्यालय अधीक्षक  के रूप में तैनात हैं।   रेलवे स्टेशन पर अपनी ही आवाज को सुनकर उन्हें बेहद खुशी होती है, और जब लोग उनकी आवाज की तारीफ करते हैं तो इसमें दुगनी ख़ुशी का एहसास नहीं होता है।

पहले समय में अनाउंसमेंट आसान काम नहीं था हर स्टेशन स्टेशन पर जाकर उन्हें अनाउंसमेंट करना पड़ता था।
उन्होंने अलग-अलग भाषाओं में भी ना उसमें दिया है। उनके अनुसार अनाउंसमेंट को रिकॉर्ड करने में 3 से 4 दिन लग जाते थे। बाद में रेलवे स्टेशन ने सारे अनाउंसमेंट संभालने की जिम्मेदारी ट्रेन मैनेजमेंट सिस्टम को दे दिया।

अब सरला की आवाज को इस विभाग ने कंट्रोल रूम में सेव कर लिया है। सरला जी ने बताया कि किसी निजी कारणों की वजह से 12 साल से वह इस काम को छोड़ चुकी है अब वह OHE विभाग में कार्यालय अधीक्षक के रूप में तैनात हैं।

रेलवे स्टेशन पर अपनी ही आवाज को सुनकर उन्हें बेहद खुशी होती है, और जब लोग उनकी आवाज की तारीफ करते हैं तो इसमें दुगनी ख़ुशी का एहसास नहीं होता है।

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