भगवान के सामने कुछ नई छुपाया जा सकता है। यदि कोई चोरी भी करता है तो उसे भगवान देखता है। लेकिन यहां तो चोरो ने भगवान को ही चोरी कर लिए उसके बाद क्या हुआ देखिये इन चोरो का।
मंदिर का इतिहास
दुनियाभर में शिव शंभू को माना जाता है और उनकी पूजा की जाती है। आज हम आपको उत्तर प्रदेश के कासगंज जिले में स्थित है, भगवान शिव के मंदिर वनखंडेश्वर महादेव मंदिर के बारे में बतायेगे जहा पर इस तरह की घटना हुई है। मंदिर सदियों पुराना है, बताया जाता है, यहां का शिवलिंग भागीरथ के समय का है।
आज से लगभग 48 साल पहले कुछ चोरों को यह खबर लगी थी कि शिवलिंग के नीचे खजाना छिपा हुआ है, जिसके लिए 6 चोरों ने इस शिवलिंग की ही चोरी कर ली थी। इसके बाद लोगों ने थाने पहुंचकर शिकायत भी दर्ज करवाई लेकिन उन्हे इन चोरो के बारे में कोई जानकारी हाथ नहीं लगी। लेकिन दूसरी ओर चोरों के साथ कुछ दिनों में ही बुरा होने लगा, वह सभी चोर बीमार पड़ने लगे और उनकी जान तक जाने की नौबत आ गई।
जब इन चोरो की ज्यादा तबीयत बिगड़ने लगी तब सभी चोरों ने मुकीमपुर थाने में शिवलिंग चोरी की सूचना दी। बाद में पुलिस ने इस ऐतिहासिक शिवलिंग को थाने में ही स्थापित करा दिया था, लेकिन दूसरी ओर स्थानीय लोग इस शिवलिंग को वापस लाना चाहते थे। इसके लिए कोर्ट में जा पहुंचे। लोगों ने अपने इष्टदेव को पुनः लाने के लिए कोर्ट का दरवाजा खटखटाया। केश चलने के बाद शिवलिंग लोगों को सौंपने का फ़ैसला सुनाया गया।
शिवलिंग की चोरी और 8 लाख की जमानत
लोगो ने अपने इष्टदेव को वापस लाने के लिए 8 लाख रूपये की जमानत राशि को भी दिया था। इसके लिए उस समय गांव के 4 किसानों ने 2-2 लाख रूपये की धन राशि जुटाई। जिसके बाद शिवलिंग वापस स्थानीय लोगों को सौंप दिया गया।
लोगों ने शिवलिंग मंदिर में पुनर्स्थापित किया और आज भी इस मंदिर की पूजा अर्चना की जाती है। आज यह मंदिर पूरे देश में प्रसिद्ध हो गया है। यहां पर हर साल कई श्रद्धालु इसके दर्शन करने के लिए यहां आते है।