पति को मृत मानकर विधवा के रूप में जीवन काट रही थी पत्नी, लेकिन 22 वर्ष बाद अचानक लौटा पति।

पति को मृत मानकर विधवा के रूप में जीवन काट रही थी पत्नी

आपने ऐसे किस्से सुने होंगे जिसे सुनकर आप हैरान रह जाते है। ऐसा जी एक किस्सा आज हम आपको बताने जा रहे है। यह कहानी एक ऐसे व्यक्ति की है जो 22 वर्ष पहले अपना घर और परिवार को छोड़कर चला गया था उसके जाने के बाद उसके घर वालों ने उसे मृत मान लिया था। परंतु अब वह व्यक्ति अचानक घर पर वापस आ चुका है, जानिये इसके बारे में पूरी कहानी |

पति को मृत मानकर विधवा के रूप में जीवन काट रही थी पत्नी
यह घटना झारखंड राज्य के गढ़वा जिले के कांडी प्रखंड गांव की है, उस व्यक्ति का नाम उदय साव है, उदय अपनी पत्नी और दो बच्चों के साथ रहता था। सांसारिक जीवन से अचानक उदय का मोहभंग हो गया और एक दिन वह बिना बताए ही घर छोड़कर चला गया। उसके बाद उसे काफी ढूंढा गया लेकिन वह नहीं मिला। जिसके बाद उदय के घर वालों ने यह अंदाजा लगाया कि वह मर चुका है।

पत्नी विधवा बनकर रहने लगी।

पति को मृत मानकर विधवा के रूप में जीवन काट रही थी पत्नी

उदय की पत्नी भी उसको मृत मान कर विधवा की तरह रहने लगी थी, उसके साथ ही बच्चे भी अनाथ की तरह रहने लगे थे। यह घटना आज से करीब 22 वर्ष पहले की है। परंतु एक दिन कुछ ऐसा हुआ जिसे देखकर उदय के परिवार और उसके गांव वालों के होश उड़ गए। एक दिन गांव में जोगी के भेष में भिक्षा मांगते हुए वह उसी के गांव आ पहुंचा और खुद के ही घर पर जाकर खुद की पत्नी से उसने भिक्षा मांगी। जिसके बाद उसकी पत्नी ने उसे पहचान लिया। जिसके बाद सभी गांव वाले उसको देखने के लिए एकत्र हो गए।
भिक्षा मांगते हुए यहां तक पहुंच गया।

उदय सन्यासी के वेश में रहने लगा था, और सारंगी बजाता हुआ भिक्षा मांगता घूम रहा था। जब परिवार और गांव वालों ने उससे पूछा पर उन्होंने बताया कि 22 वर्ष पहले उसने घर छोड़कर सन्यास ले लिया था। उदय का कहना था कि अपनी पत्नी से भिक्षा लिए बिना उसका सन्यासत्व सार्थक नहीं हो पाएगा इसीलिए वह उसके पास भिक्षा लेने के लिए गांव में वापस आया था।

उसे सभी ने रुकने के लिए कहा लेकिन वह पत्नी से भिक्षा लेने की जिद करता रहा। इसके लिए वह अभी भी गांव के बहार रुका हुआ है।

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