20 वर्षीय छात्र का स्टार्ट अप: बनाई लकड़ी की साइकिल, जो बच्चे की उम्र के साथ होती है बड़ी

20 वर्षीय छात्र का स्टार्ट अप: बनाई लकड़ी की साइकिल

आपने बचपन में यह साइकल तो जरूर सीखी होगी और सबसे पहले सपोर्टिंग साइकिल यानी तीन पहियों की साइकिल से आप चलाना सीखते हैं | जिससे कि आप आसानी से बैलेंस बनाकर चल सके | सायकल बनाने का ऐसा एक कारनामा करके दिखाया एक 20 साल की लड़के ने और आज वह Vamshycle साइकिल के संस्था के फाउंडर है | दरअसल प्रेम काले उनका नाम है।

20 वर्षीय छात्र का स्टार्ट अप: बनाई लकड़ी की साइकिल
यह साइकिल छोटे बच्चों के लिए बनाई है जो कि एक बैलेंस साइकिल है | यह ज्यादा ऊंची तो नहीं है और न ही इसमें कोई पेडल या ब्रेक है | आपको बता दें कि 2017 में प्रेम ने अपनी स्कूल की पढ़ाई भी छोड़ दी थी और वहां प्रोडक्ट डिजाइन इंजीनियर बनना चाहते थे | अपने स्कूल के प्रोजेक्ट के लिए उन्होंने कक्षा 9 में एक ड्रोन बनाया था और कक्षा दसवीं में फोल्डिंग साइकिल का प्रोटोटाइप मॉडल भी बनाया गया था | कई ट्रायल और कई गलतियों को करने के बाद उनका प्रोटोटाइप मॉडल सफल सिद्ध हुआ | इसके बाद उन्होंने लकड़ी से बनने वाली बैलेंस सायकल को बनाने का काम शुरू किया गया |

इस तीन पहिए की साइकिल में पेडल, ब्रेक और चेन नही है| यह वजन में काफी हल्की है| इसकी बॉडी की बात की जाए तो यह रशियन वर्ष प्लाईवुड के इस्तेमाल से बनाई गई है | रूस से अपने पिता की मदद से मंगाया था उनके पिता का इंटीरियर डेकोर का शोरूम भी है |

20 वर्षीय छात्र का स्टार्ट अप: बनाई लकड़ी की साइकिल
प्रेम ने कहा की “मैंने 2018 में साइकिल बनाने का काम शुरू किया। मैंने यह वेराइटी इसलिए चुनी क्योंकि एक तो लकड़ी पर मौसम का कोई प्रभाव नहीं पड़ता दूसरा वजन भी काफी हल्का होता है। एक कोटिंग करने से यह और भी अधिक टिकाऊ हो जाती है और इसमें कीड़े नहीं लगते हैं। शुरूआत में वुड-कटर का इस्तेमाल करके अपने घर के वर्कशॉप में मैंने डिजाइन पर काम करना शुरू किया। कुछ ट्रायल के बाद ही मैं फ्रेम का सही आकार बनाना सीख गया।”

20 वर्षीय छात्र का स्टार्ट अप: बनाई लकड़ी की साइकिल
आगे प्रेम कहते है जैसे-जैसे बच्चा बढ़ता है, उसके साथ साइकिल भी बढ़ती जाती है। आप सीट की ऊंचाई को अपने अनुसार एडजस्ट कर सकते हैं और अगले स्टेज में साइकिल को अपग्रेड करने के लिए इसके कुछ हिस्सों को निकाल सकते हैं। साइकिल के साथ एक मैनुअल इंस्ट्रक्शन और बोल्ट को एडजस्ट करने के लिए एलम की भी दी जाती है। अंतिम दो स्टेज के लिए यह थोड़ा अलग है क्योंकि कुछ बच्चे पहले से ही पहियों के अभ्यस्त होते हैं।”

ट्रीसायकल लकड़ी की फ्रेम को इस तरह पिछले पहियों को जोड़ा है तथा उन्हें स्टैंडर्ड स्टील के बॉर्डर से टाइट किया ताकि उनमें किसी प्रकार की कोई जंग ना लगे और बच्चों के लिए सीट को बहुत ही आरामदायक बनाया है इसके लिए उन्होंने फोम का उपयोग किया है|
इस साइकिल को पुणे में एक मेले में दिखाया गया था अब यह अमेज़न पर भी उपलब्ध है और प्रेम की वेबसाइट पर भी अलग अलग कलर में है।

Leave a Reply

Your email address will not be published.

Back To Top