
सफल होना हर कोई चाहता है लेकिन ऐसा होता नहीं है। कई बार लाख कोशिश करने के बावजूद कुछ लोग सफल नहीं हो पाते और हार मान जाते हैं। हार के बाद वह निराश हो जाते हैं कि फिर वह आगे की कोशिश ही नहीं करते हैं। एक ऐसी कहानी जानेंगे जिसे जानने के बाद आपकी इच्छा शक्ति बढ़ेगी।
साधु के दो चीजों से युवक ने पाई सफलता
एक साधु नदी किनारे अपनी धुन रमाये हुए बैठे थे। जब भी कोई शख्स वहां से गुजर रहा था। वह जोर से कहते थे, जो चाहोगे सो पाओगे राह चलते लोग साधुओं की इन बातों को अनदेखा करते और उसे पागल समझते हुए हंसते हुए वहां से निकल जाते हैं।
एक बेरोजगार व्यक्ति वहां से गुजर समय सुना जो चाहोगे सो पाओगे।इतना सुनते ही वह साधु के पास गया और बोला बाबा! आप बहुत देर से चिल्ला रहे हैं जो चाहोगे सो पाओगे तो क्या आप मुझे वह दे सकते जो मैं चाहता हूं। साधु बोला अवश्य दे सकता हूं बताओ तुम्हें क्या चाहिए?
युवक ने बोला मैं एक सफल व्यापारी बनना चाहता हूं क्या आप मेरा यह सपना पूरा कर सकते हैं। इतना सुनते ही साधु ने बड़े ही आत्मविश्वास से कहा, जरूर मैं तुम्हें हीरा और एक मोती देता हूं। इससे जितनी चाहे उतनी हीरा मोती बना लेना। इतना सुनते ही युवक खुश हो गया और साधु के पैर छुआ। साधु ने युवक से का हाथ आगे बढ़ाने को कहते हैं।
साधु ने पहले हथेली पर अपना हाथ रखा और कहा यह लोग दुनिया का सबसे अनमोल हीरा, “समय” इसे कसकर अपनी मुट्ठी में जकड़ लो। इससे तुम जितनी चाहे हीरे बना सकते हो, इसे अपने हाथ से जाने मत देना।
दूसरी हथेली पर अपना हाथ रखा और बोले दुनिया के सबसे कीमती मोती “धैर्य” है। किसी काम में समय लगने के बाद भी अच्छा फल न मिले तो इसका सहारा लेना। मोती से तो दुनिया की हर एक वस्तु हासिल कर सकते हो। व्यापारी वहां से गया और अपने बिजनेस में उस साल समय और धैर्य दिया। इसके बाद वह एक सफल व्यापारी बन गया है। इससे यही सीख मिलती है कि आप किसी भी काम को अगर करने में माहिर हैं तो उसमें समय और धैर्य देंगे तो आप उसमें सफलता अवश्य पाएंगे।