यहां दूल्हे के कपड़े पहनती है दुल्हन, शादी में की जाती है, ड्रेस की अदला-बदली। जानिए क्या इसके पीछे की वज़ह।

यहां दूल्हे के कपड़े पहनती है दुल्हन

भारतीय संस्कृति की शादीयो में कई तरह की रस्मे होती है, जो कई बार बहुत ही अजिंबोगरीब होती है | हिंदू धर्म में हर काम के लिए अलग-अलग विधि विधान है और हिन्दू धर्म में इसका काफी महत्व भी होता है। ऐसा ही एक शादी का नियम हम आपको बताने जा रहे है | जिसमे दूल्हा दुल्हन के कपडे पहनकर शादी करता है |

यहां दूल्हे के कपड़े पहनती है दुल्हन
वेस्ट गोदावरी जिले में एक अजीब शादी की रस्म निभाई जाती है | वेस्ट गोदावरी जिले की यह परंपरा कोई आज की नहीं बल्कि काकतिया शासकों के काल से चली आ रही है | इसमे शादी के एक दिन पहले दुल्हन को दूल्हे के कपड़े पहनने होते हैं और दूल्हा लड़कियों जैसा भेष बनाकर कोई साड़ी या लहंगा पहनता है। यह रस्म सभी लोग पालन करते है |

यहां दूल्हे के कपड़े पहनती है दुल्हन
बताया जाता है की इस प्रथा के जरिए लड़का-लड़की के भेदभाव को तोड़ने की कोशिश की जाती है जो दोनों को समानता प्रदान करती है | साथ ही यह हमारे देश की विविधता का भी एक अनोखा उदाहरण पेश करती है। शादी में लड़का न सिर्फ दुल्हन के कपड़े पहनता है बल्कि लड़की की तरह ही सज-धज कर तैयार होता है।

दुल्हन भी पहनती है लड़के के कपड़े

एस रस्म में दुल्हन भी पेंट-शर्ट या धोती-कुर्ता में तैयार होकर समारोह में शामिल होती है। इसके अलावा वह इस दौरान जूड़ा या चोटी नहीं बांधती बल्कि लड़कों की हेयर स्टाइल बनाती है। आजकल तो वह चश्मा भी पहनती है |

यहां दूल्हे के कपड़े पहनती है दुल्हन
इस रस्म की शुरूआत काकतिया साम्राज्य की महारानी रुद्रमा देवी के वक्त हुई थी। उस समय उनके सेनापति गन्नामनि परिवार से ताल्लुक रखते थे। महारानी ने 1263 से लेकर 1289 तक साम्राज्य की सत्ता संभाली थी और इस परंपरा के पीछे का मकसद पुरुषों की छवि को दुनिया के सामने बेहतर तरीके से पेश करना था। जसके बाद से अभी तक इस परम्परा का निर्वहन किया जाता है |

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