हिन्दू धर्म में आपको कई देवी-देवताओं का ज़िक्र मिलता है | जिसमे सभी की कहानी भी अलग अलग होती है | आज हम आपको इन्ही में से एक भगवान बजरंगबली के मंदिर की कहानी को बताने जा रह है जो की एक ऐसा मंदिर है जहा से प्रसाद घर नही ले जाया जा सकता है |
श्रीराम और बजरंग बली एक दूसरे के पूरक माने जाते हैं | हम आपको आज बजरंग बली के प्रसिद्ध मंदिर के बारे में बताने जा रहे है, जो राजस्थान के दौसा में स्थित है। जिसे ‘मेहंदीपुर बालाजी मंदिर’ के नाम से जाना जाता है। यह बहरत में प्रसिद्ध मंदिरों में से एक है | यह मंदिर राजस्थान के दौसा की दो पहाड़ियों के बीच स्थित है और इस मंदिर में सालभर भक्त आते हैं | यहा पर आने वाले सभी भक्तो की मांग पूरी होती है |
यहा पर बालाजी मंदिर में महाबली हनुमान जी अपने बाल स्वरूप में विराजमान हैं | इनके साथ ही भगवान राम और माता सीता की प्रतिमा स्थापित है। यहा पर आने वाले भक्तो के लिए कुछ खास नियम है | जिसमे एक नियम यह भी है की दर्शन से कम से कम एक हफ्ते पहले से भक्तों को प्याज, लहसुन, नॉनवेज, शराब आदि का सेवन बंद कर देना चाहिए। उसके बाद ही यहा दर्शन करने के लिए आना चाहिए |
माना जाता है की मेहंदीपुर बालाजी मंदिर में हनुमान जी के दर्शन के बाद इन्सान पर आने वाली सभी ऊपरी बाधाओं से मुक्ति मिल जाती है | इसके लिए भी श्रद्धालु यहा पर बड़ी संख्या में पहुचते है | यहां पर प्रेतराज सरकार और भैरव बाबा की प्रतिमा भी स्थापित है।
इसके साथ ही यहा पर एक और नियम है, यहा की मान्यता है कि यहां के प्रसाद को न तो खाया जा सकता है और न ही किसी को दिया जा सकता है। इसके साथ ही यहा की प्रसाद को घर भी नही ले जाया जाता है |