पीपल के पेड़ के नीचे से मिला अनोखा पत्थर देखें के लिए, उमड़ी भीड़

चमत्कारी पत्थर के कारण एकत्रित हुआ पूरा गांव

जब रामचंद्र जी ने अंगद को अपना दूत बनाकर लंका भेजा, तो एक दिन जब उन्होंने अपने पैर को लंका के दरबार में जमा दिया तो पूरे लंका के लोग उसे हिला नहीं पाए, इसकी शायद मेन वजह यह थी की अंगद पर भगवान राम चंद्र जी का हाथ था इसी प्रकार एक घटना काफी तेजी से वायरल हो रही है।

वैसे तो यह घटना महाराजगंज के सिसवा चीनी मिल के पास की है।मिल के पास एक पीपल का पेड़ है, जिसके नीचे काफी पत्थर एक जगह एकत्रित है, जिसकी पूजा आसपास के गांव के लोग आकर प्रतिदिन करते थे, उस पत्थर पर जल अर्पित करते थे, यह पूजा अर्चना लगभग 4 सालों से होती आ रही थी, परंतु अभी कुछ दिन पहले लोगों का विचार वहां पर साफ सफाई करने का आया, जिस दौरान सारे पत्थर लोगों द्वारा हटा दिए गए, परंतु एक पत्थर टस से मस नहीं हुआ।

चमत्कारी पत्थर के कारण एकत्रित हुआ पूरा गांव   जब रामचंद्र जी ने अंगद को अपना दूत बनाकर लंका भेजा, तो एक दिन जब उन्होंने अपने पैर को लंका के दरबार में जमा दिया  तो पूरे लंका के लोग उसे हिला नहीं पाए, इसकी शायद मेन वजह यह थी की अंगद पर भगवान राम चंद्र जी  का हाथ था इसी प्रकार एक घटना काफी तेजी से वायरल हो रही है।   वैसे तो यह घटना महाराजगंज के सिसवा चीनी मिल के पास की है।मिल के पास एक पीपल का पेड़ है, जिसके नीचे काफी पत्थर एक जगह एकत्रित है, जिसकी पूजा आसपास के गांव के लोग आकर प्रतिदिन करते थे, उस पत्थर पर जल अर्पित करते थे, यह पूजा अर्चना  लगभग 4 सालों से होती आ रही थी, परंतु अभी कुछ दिन पहले लोगों का विचार वहां पर साफ सफाई करने का आया, जिस दौरान सारे पत्थर लोगों द्वारा हटा दिए गए, परंतु एक पत्थर टस से मस नहीं हुआ।  जिसको उठाने के लिए काफी प्रयास भी किया गया, परंतु उस पत्थर का चमत्कार कि वह किसी से हिला तक नहीं।  जैसे ही लोगों को उस पत्थर के चमत्कार के बारे में पता चला, उस चमत्कारी पत्थर को देखने के लिए आसपास के लोग एकत्रित होने लगे। तथा उस पीपल के पेड़ के नीचे काफी भीड़ भी एकत्रित हो गई
जिसको उठाने के लिए काफी प्रयास भी किया गया, परंतु उस पत्थर का चमत्कार कि वह किसी से हिला तक नहीं। जैसे ही लोगों को उस पत्थर के चमत्कार के बारे में पता चला, उस चमत्कारी पत्थर को देखने के लिए आसपास के लोग एकत्रित होने लगे। तथा उस पीपल के पेड़ के नीचे काफी भीड़ भी एकत्रित हो गई

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