जिंदगी की जंग जितने के अपने कई किस्से सुने होंगे लेकिन आज हम आपको इस 36 साल के पायलट की कहानी बताने जा रहे है, जिसने प्लैन क्रेस हो जाने के बाद बड़े ही मुश्किल हालत से अपनी जान बचायी है।
पुर्तगाल के एलेंकेर शहर से उड़ान भरी थी
एंटोनियो एक पायलेट है जो 28 जनवरी से ही लापता चल रहे थे, उन्होंने पुर्तगाल के एलेंकेर शहर से उड़ान भरी थी और वे एलमेरियम शहर जा रहे थे। लेककन प्लेन में बिच में ही तकनीकी खराबी आ जाने के कारण उन्होंने हवाईजहाज की एमेजॉन के जंगलों में लैंडिंग कराने की ठानी थी लेकिन प्लेन में आग लग गई थी, जिसके बाद थैलमें ने प्लेन से कुछ ब्रेड्स और बाकी जरूरी सामान रख लिया था।
पक्षियों के अंडों और जंगली फलों के सहारे अपना पेट भरा
एंटोनियो प्लेन क्रैश में तो बच गए थे लेकिन एमेजॉन के सुनसान जंगलों में उन्हें उतरना पड़ा यह जंगल मुसीबतें लेकर आया था। उन्होंने अपना पहला हफ्ता तो अपने प्लेन के पास ही.बिताया था, जब वह लापता हुए तो उसके बाद रेस्क्यू टीम एक्टिव हो गई थी। इस दौरान वे पक्षियों के अंडों और जंगली फलों के सहारे अपनी भूख मिटाने की कोशिश करते रहे।
मदद की तलाश में भटक रहे थे
वह कुछ समय तो अपने प्लेन के पास ही रुके लेकिन उसके बाद एंटोनियो लगातार मदद की तलाश में जंगल में चलते रहते थे। इसी दौरान उन्हें रेस्क्यू टीम भी मिल गई थी वे इस टीम से मिलने के बाद काफी इमोशनल हो गए थे। 36 साल के इस पायलट का शरीर इन 5 हफ्तों में काफी कमजोर हो चूका था और वजन भी कम हो गया है।
परिवार से दोबारा मिलने की चाहत थी
इन सब के बावजूद एक महीने से भी अधिक समय तक कई जंगली जानवरों की मौजूदगी वाले एमेज.एमेजॉन जंगल में वह मजबूती से डटे रहे उन्होंने हिम्मत नहीं हारी। डॉक्टर्स ने कुछ छोटी-मोटी चोट और डिहाईड्रेशन की ट्रीटमेंट करने के बाद उन्हें अस्पताल से छुट्टी दे दी है।
एंटोनियो ने इमोशनल होते हुए कहा कि वह अपने परिवार से मिलने की इच्छा रखते थे, उन्हे जिससे लगातार हिम्मत दी और इस कठिन स्थिति से मुझे निकालने में मदद की।
अपने परिवार से दोबारा मिलना चाहता था और अपने भाई-बहन और पेरेंट्स से फिर मिलना चाहता था यही सब मुझे जीवित रहने में मदद करता था।