अगर बीच सड़क पर कोई सीटी बजाए तो आप उसे क्या कहेंगे ? मुंह से शायद बेवड़ा ही निकले और अगर लड़की को देखकर किसी ने सिटी बजाए तो मामला गाली गलौज और मारपीट तक पहुंच जाएगा | पर अगर सीटी बजाने की स्पर्धा भी होती है और इससे देश का नाम रोशन हुआ है तो ऐसा सुनकर शायद आप चौक जाऐंगे | पर यह सच है लेकिन यह प्रतियोगिता अपने देश में नहीं जापान में होती है और अपने देश के नागरिक ने इस स्पर्धा में इतिहास रच दिया है | इस सिटी प्रतियोगिता को “वर्ल्ड विस्लर्स” के नाम से मनाया गया है | इस स्पर्धा में मुंबई के निखिल राणे ने भारत को दूसरी बार चैंपियनशिप ट्रॉफी दिलवाया है |
साइलेंट विस्लर्स :
निखिल की सीटी बजाने की पद्धति साइलेंट व्हिसल की है | सामान्यतः सिटी बजाने के लिए होठों का इस्तेमाल किया जाता है, पर साइलेंट व्हिसल में बिना होठों का इस्तेमाल किए सिटी बजाई जाती है | दुनिया में साइलेंट सीटी बजाने वाले सिर्फ दो ही लोग हैं – पहले हैं बोस्टन के जेफरी एमोस और दूसरे मुंबई के निखिल राणे |
7 साल की उम्र में की थी शुरुआत :
मुंबई स्थित ताड़देव परिसर में निखिल का पालन पोषण हुआ और वह परिवार के साथ वहाँ बड़े हुए | मात्र 7 साल की उम्र से निखिल को सीटी बजाने का शौक दौड़ा था और वे सीटी बजाने लगे | उन्हें शास्त्रीय संगीत से भी काफी लगाव था | उन्होंने 5 सालों तक शास्त्रीय संगीत भी सीखा | निखिल जब 12वीं में थे तब उन्होंने अपने एक दोस्त के जन्मदिन में पहली बार सबके सामने सिटी से गाने की धुन पेश की थी | उस समय उनकी जमकर प्रशंसा हुई थी | उसके बाद उन्हें आगे बढ़ने में उनके दोस्तों ने भी साथ दिया | घर की परिस्थिति काफी अच्छी नहीं थी इसलिए कॉलेज के दिनों में उन्होंने बहुत से कार्यक्रमों में हिस्सा लिया | कार्यक्रमों से मिले पैसे से वे खुद का खर्चा चलाते थे | वर्तमान में आकाशवाणी में आरजे हैं |