दिल्ली में कोरोना के बढ़ते मामलों की रोकथाम के लिए ग्रेडेड एक्शन रेस्पांस प्लान (ग्रेप) लागू होने से मेट्रो में यात्री खड़ा होकर या सभी सीट पर बैठ कर सफर नहीं कर पाएंगे। अब मेट्रो में एक बार फिर यात्रियों को एक सीट छोड़कर बैठना होगा। वहीं सभी मेट्रो स्टेशनों पर औसतन दो गेट ही खुले रहेंगे। इस वजह से यात्रियों की परेशानी बढ़ सकती है। खासतौर पर व्यस्त समय में नौकरी पेशेवर लोगों को मेट्रो के लिए इंतजार करना पड़ सकता है। इस वजह से स्टेशनों के बाहर यात्रियों की लंबी लाइनें लग सकती है। इसलिए बहुत जरूरी हो तभी यात्री सफर करें।
कोरोना के बढ़ते मामलों के मद्देनजर मेट्रो में संक्रमण से बचाव के नियमों का पालन नहीं करने पर सख्ती बढ़ा दी गई है। पिछले माह नवंबर में कोरोना से बचाव के नियमों का पालन नहीं करने पर 6588 यात्रियों के चालन काटे गए थे। इस माह अब तक करीब सात हजार यात्रियों के चालन काटे जा चुके हैं।
उल्लेखनीय है कि दूसरी लहर के दौरान मेट्रो का परिचालन बंद हो गया था। सात जून को मेट्रो का परिचालन शुरू हुआ। तब बैठने की 50 प्रतिशत क्षमता के साथ मेट्रो का परिचालन शुरू किया गया था। इस वजह से स्टेशनों पर एक या दो गेट खुला होने से यात्रियों को परेशानी का सामना करना पड़ा था। कुछ माह बाद मेट्रो की सभी सीट पर यात्रियों को बैठकर सफर की स्वीकृति मिली। 22 नवंबर से 100 प्रतिशत बैठने की क्षमता के साथ प्रत्येक कोच में 30 यात्रियों के खड़े होकर सफर की स्वीकृति दी गई थी। उस दिन से मेट्रो स्टेशनों पर सभी गेट खोल दिए गए थे। इससे मेट्रो में यात्रियों की संख्या बढ़ी थी।