मध्य प्रदेश के सीधी जिले में अपने लाल को जंगली जानवर से बचाने के लिए एक मां ने गजब की बहादुरी दिखाई। अपने 6 साल के बेटे राहुल को बचाने के लिए उसकी मां किरण बैगा ने मौत से भिड़ंत किया। मौत के रूप में तेंदुआ आया और राहुल को उसकी मां के सामने ही उठाकर ले गया। उस समय मां किरण बैगा ने पूरी हिम्मत जुटाकर एक डंडा लेकर लगभग एक किमी तक उस मौत रूपी तेंदुए का पीछा किया और आखिरकार मां की जांबाजी के आगे उस तेंदुए को हार माननी ही पड़ी। किरण ने बच्चे को बचाने के साथ ही खुद को भी सुरक्षित किया।
जंगल और पहाड़ों के बीच है घरौंदा :
यह घटना 28 नवंबर 2021 को मध्य प्रदेश के सीधी जिले के कुसमी ब्लॉक के संजय टाइगर बफर जोन की टमसार रेंज में आने वाले बाड़ीझरिया गांव में घटित हुई थी| बाड़ीझरिया गांव चारों ओर से जंगल और पहाड़ियों से घिरा हुआ है। किरण अपने परिवार के साथ यहीं पर रहती है।
तेंदुए का हमला, मां ने किया एक किलोमीटर तक पीछा :
रविवार के दिन करीब सात बजे जब अंधेरा अपना पैर पसार रहा था, उस समय किरण बैगा अपने बच्चों को साथ लेकर अलाव ताप रही थी। इस समय बच्चों का पिता शंकर बैगा किसी कार्यवश घर से बाहर गया हुआ था। किरण ने अपने गोद में एक बच्चे को लिया था जबकि दो बच्चे उसके पास में ही बैठकर अलाव ताप रहे थे। तभी अचानक से एक तेंदुआ पीछे की तरफ से आया और बगल में आग ताप रहे एक बेटे राहुल को धर दबोचा । फिर उसे लेकर जंगल की तरफ भाग निकला। यह देखकर किरण ने तुरंत गोद के बच्चे को वहीं उतारा और एक मोटा डंडा लेकर तेंदुए के पीछे बिना किसी खौफ के दौड़ी। वह बेटे को बचाने के लिए मौत से लड़ गई।
मध्य प्रदेश के सीधी जिले में एक मां बेटे को बचाने के लिए मौत से लड़ गई. इस मां के 6 साल के बेटे को तेंदुआ उठा ले गया था. मां ने तेंदुए का एक किलोमीटर दूर तक पीछा किया और उससे बच्चे को छीन लिया. इस घटना में मां और बेट दोनों घायल हो गए. pic.twitter.com/8CR1cnKJM4
— Nikhil Suryavanshi (@NikhilEditor) November 30, 2021
ऐसा केवल एक मां ही कर सकती है, जिसने अपनी जान की परवाह किए बिना तेंदुए का एक किलोमीटर दूर तक पीछा किया और उससे अंततः बच्चे को उससे छीन ही लिया। इस घटना में राहुल और किरण दोनों ही घायल हुए। दोनों का कुसमी के सरकारी अस्पताल में इलाज कराया गया।
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार किरन ने देख लिया था कि तेंदुआ ने उसके बच्चे को उठाया है और उसे पंजों में दबोच लिया है। उसने बिना समय गंवाए डंडा लेकर तेंदुए पर हमला कर दिया और फिर तेंदुए का पंजा ढीला पड़ा और उसने बच्चे को छोड़ दिया लेकिन तेंदुए ने पलटवार किया और किरण पर हमला बोल दिया। तब उस जांबाज महिला ने तेंदुए के पंजे को अपने हाथ से पकड़कर धकेल दिया। यह सब शोर सुनकर गांव के अन्य लोग भी एकत्रित हो गए, जिससे भीड़ देखकर तेंदुआ जंगल की ओर भाग गया। बच्चे को और खुद को तो बचा लिया किरण ने लेकिन अंत में बेहोश हो गई।
जंगल के अधिकारियों को सूचित किया गया :
संजय टाइगर रिजर्व के अमले को जंगल में घटित इस घटना की सूचना दे दी गई। घटना की सूचना मिलते ही किरण के घर आनन-फानन में वन विभाग टमसार रेंज की टीम पहुंची और सभी घायलों को उपचार के लिए कुसमी अस्पताल में भर्ती कराया गया।