कश्मीरी फाइल्स देखने के बाद, अनुपम खेर की मा का छलका दर्द, बोली मैं बच्ची थी तब…..

kashmiri files

दोस्तों इन दिनों कश्मीरी फाइल्स को सभी लोगो द्वारा काफी पसंद किया जा रहा है I इसमे बताया गया है, की किस तरह से कश्मीरी पंडितो पर कितने ही अत्याचार किये गये I जिसे तरह से उनको घरो से निकल जाने के लिए मजबूर किया गया वह सभी कुछ आपको इस फिल्म में दिखाया गया है I द कश्मीर फाइल्स 26 जनवरी 2022 को रिलीज हुयी I

आपको बता दे की विवेक अग्निहोत्री के निर्देशन में बनी इस फिल्म में बहुत से मुख्य किरदार है जिनमे से एक अभिनेता अनुपम खेर भी है I उनकी माँ ने कुछ समय पहले ही ये फिल्म देखी है I इस फिल्म को देखने के बाद उनकी माँ का दर्द झलक पड़ा और उन्होंने ने झकझोरने वाली बाते बताई जिसे अनुपम खेर ने रिकॉर्ड कर अपने फेंस के साथ उसको शेयर भी किआ है I

उनकी माँ ने फिल्म देखने के बाद कहा –

जब उनकी माँ ने इस फिल्म को देखा तो उन्होंने, कहा “माँ कश्मीरी फाइल्स देखने के बाद बहुत लंबे समय के लिए चुप हो गई थीं I मैंने उन्हें गले लगाया और जब अलविदा कहा तो वह प्यार से बोलीं, ‘अच्छा काम किया तूने इस फिल्म में। ये तेरा फर्ज था।

जब अनुपम खेर ने अपनी माँ दुलारी से पूछा कि उन्हें फिल्म कैसी लगी तो उन्होंने बेहद गंभीर होकर कहा, “मुझे सब पता ही है वहाँ का तो मुझे वही दिखा जो किया गया है। हम 30 साल से यही देख रहे हैं कि उस समय जो बच्चा हुआ वो आज 30-32 साल का है।

उस समय भाइयों को चिट्ठियाँ दी गईं कि निकल जाओ। बेचारे नाना जी ने मकान बनाया था वो बेचारा इसी में मर भी गया। मेरा भाई शाम को ऑफिस से आया और दरवाजे पर चिट्ठी थी कि आज आपकी बारी है। वो लोग रामबाग में रहते थे तो रात में निकलें। जो ट्रक रात में चलते थे वे उसी में बैठकर निकल गए। उनके बच्चे दिल्ली में पढ़ रहे थे। उन्हें एक ग्लास पानी भी नहीं मिला।”उन्होंने बताया की हमारी दौलत, हमारा सामान सब कुछ ले लिया गया था उस समय और

अब्दुल्ला परिवार का जिक्र किया

उन्होंने अब्दुल्ला के बारे में बताया की “शेख अब्दुल्ला ने कहा कि ये लोग मुसलमानियों से बर्तन धुलवाते हैं मैं हिंदुओं से करवाऊँगा। उस समय मैं छोटी सी थी। जैसे ये मुसलमानियों के साथ करते हैं मैं इनके साथ ऐसे ही करूँगा। उस समय मेरा मामा भी नेता था। अब्दुल्लाह ने जो कहा वही किया। ऐसे निकाल दिया जैसे यतीम हैं। भगवान इन लोगों से जरूर बदला लेगा।”

इस फिल्म में विवेक अग्निहोत्री  द्वारा 90 के दशक में कश्मीरी पंडितों पर हुआ अत्याचार बिना किसी प्रोपगेंडे के दिखाया गया है। इस फिल्म का कई जगह पर विरोध भी देखा गया है, अभी आप इस फिल्म को सिनेमा घर में देख सकते है I

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