आइसक्रीम को हम सभी खाते है, लेकिन इसके बनने से हमारे तक आने के सफ़र में कई पड़ाव होते है | किसी भी आइसक्रीम को बनाने में और उसके टेस्ट को लोगो तक पहुचने में काफी समय लगता है | आज हम आपको एक इसे इन्सान के बारे में बताने जा रहे है, जो आइसक्रीम को टेस्ट करने के लिए करोड़ो रूपए लेता है |
क्या आपने कभी सोचा है की, किसी इन्सान को सिर्फ आइसक्रीम खाने के लिए करोड़ो रूपए दिए जा सकते है | यह बात सुच है, एक ऐसा व्यक्ति है, जो इस कार्य को करने के करोड़ो रुपय की सेलेरी लेता है |
आज आइसक्रीम का बिजनेस किसी भी एल्कोहल के व्यापार से कम नही है | इसे खाने की भी लोगो को लत लग जाती है उसके बाद वह आइसक्रीम खाना नही छोड़ता है | भारत समेत दुनियाभर में कई आइसक्रीम की ब्रांड हैं, लेकिन इन ब्रांड को आइसक्रीम का सबसे बेहतर स्वाद बताने वाला बस एक ही इंसान है, वह है अमेरिका के जॉन हैरिसन।
बचपन से ही आइसक्रीम के टेस्ट को पहचानते थे जॉन
जॉन हैरिसन दुनियाभर में आइसक्रीम का सबसे बेहतर स्वाद बताने के लिए जाने जाते हैं, इनको कम्पनी सिर्फ इसी के लिए रखती है की वह आइसक्रीम का सबसे बेहतर स्वाद बता सके | इनको इसके लिए पैसे भी दिए जाते है। यह आइसक्रीम का स्वाद चखकर उसकी गुणवत्ता को परखते है। आइसक्रीम का नया फ्लेवर लाने से पहले जॉन की जीभ की रजामंदी को महत्वपूर्ण समझा जाता है |
हजारों गैलन आइसक्रीम खाने वाला व्यक्ति (John Harrison)
जॉन हैरिसन का जन्म 1942 में हुआ है। इनके दादा आइसक्रीम बनाने वाली फैक्ट्री चलाया करते थे। जॉन को बचपन से ही आइसक्रीम खाने का शौक था | उन्होंने शुरुआत में बतौर आइसक्रीम टेस्टर काम करना शुरू नहीं किया था उसके बाद आइसक्रीम का स्वाद लेना और उसे बेहतर बनाने के तरीके बताने लगे |
1956 में ड्रेयर कंपनी ज्वाइन की, यह कंपनी आइसक्रीम निर्माण का काम करती थी, उनके दिए गए सुझावों से आइसक्रीम और बेहतर बनने लगी थी | फिर हैरिसन को आइसक्रीम का फ्लेवर चखने का काम मिला, अभी तक वह 200 मिलियन गैलन से ज्यादा आइसक्रीम चख चुके है।
जॉन ने जीभ का करा लिया है बीमा
उन्होंने अपनी जीभ का भी बिमा करवाया है | इसका 20 लाख डॉलर का बीमा है। उन्होंने बताया की आइसक्रीम खाते समय वे उसे पूरा नहीं खाते, उसे चखकर थूक देते हैं। जिसके बाद वह उसका टेस्ट बता देते है |