हम सभी जानते है की हमारा जीवन कितना मूल्यवान होता है | लेकिन आज कई लोग मजबूरियों में अपने ही जीवन को स्वयं खत्म कर रहे है | आज एक ऐसा ही मामला सामने आया है, जिसमे एक IIT स्टूडेंट ने अपनी ही जान ले ली है |
आज की इस भागदौड़ भरी जिंदगी में माता-पिता का प्यार नहीं मिल पाता, तो वहीं पढ़ाई और करियर का दबाव रहता है | ऐसा ही कुछ सार्थक के साथ हो रहा था, जिसके बाद उसने फांसी लगाना ही उचित समझा। आपको बता दे की सार्थक का छोटा भाई वात्सल्य आईटी की कोचिंग के लिए गया हुआ था। मां अहमदाबाद में थी और पिता जॉब पर गए थे उस समय उसने यह कदम उठाया |
पड़ोसियों द्वारा बताया गया की, बुधवार देर रात 11:00 बजे के करीब हुई। वहीं जब कॉलोनी के अंदर एंबुलेंस और पुलिस के सायरन की आवाज सुनाई दी। इसके बाद आसपास में रहने वाले लोगों ने घर से बाहर जाकर देखा, तो सार्थक के घर के बाहर भीड़ थी। पता चला की बालकनी में उसने फांसी लगा ली है।
पुलिस ने बताया कि नर्मदा घाटी विकास प्राधिकरण के सरकारी आवास में रहने वाले अपर संचालक विजित कुमार विजयवत के बेटे सार्थक ने फांसी लगा ली है वह इंजिनियर की तैयारी कर रहा था | सार्थक खड़गपुर से आईआईटी कर रहा था। कुछ दिनों पहले ही इंदौर आया था।
उसने सुसाइड नोट लिखा है, जिसमें सबसे अंत में आई क्विट तो पहले और अंदर कई बातें लिखी हुई हैं। उसने उसमे बताया की मेने उम्मीदों से जेईई की तैयारी की सोचा था कैम्पस एंजाय करूंगा, लेकिन ऑनलाइन असाइनमेंट के चक्कर में फंस गया और नही जा पाया |
उसने लिखा पापा जिद्दी हैं और मम्मी मजबूर… उन्हें मुझसे और छोटे भाई वात्सल्य के साथ भी ऐसी बात करनी चाहिए थी, जैसी बात वे अपने भाई और बहनों के साथ करते थे। लेकिन में नही कर सका | उसने पिता के बारे में लिखा है कि काश! आप हमारे साथ और भी समय बिताते। देवेंद्र काका जैसी समझ आपमें होती।
उसने अपने नोट में किसी पर आरोप नही लगाया और फंसी लगाकर अपनी जीवन लीला समाप्त कर ली | बताया जाता है कि कैम्पस सिलेक्शन को लेकर भी वह डिप्रेशन में बताया जा रहा था। वह इंदौर में अपने परिवार के साथ ही रहना चाहता था, पर पढ़ाई के चलते उसे बाहर जाना पड़ा। ऐसे में उसकी मौत का कारण जहां अकेलापन रहा होगा |