हमारी पृथ्वी पर असंख्य पशु पक्षी हैं जो सभी किसी न किसी तरह से एक दूसरे से जुड़े हुए है। लेकिन आज कई ऐसी प्रजातियाँ हैं जो अब लुप्त होने की कगार पर है, या विलुप्त हो चुकी है। लेकिन आज हम मधुमक्खियाँ के बारे में आपको बताने जा रहे है, जो धीरे-धीरे करके लुप्त होते प्राणियों की सूची में आ गई हैं।
यह जानकारी रॉयल ज्योग्राफिक सोसाइटी ऑफ लंदन की एक मीटिंग की गई थी, जिसमें अर्थवॉच इंस्टीट्यूट ने कहा कि मधुमक्खी हमारी पृथ्वी पर सबसे अमूल्य प्राणी होती हैं। लेकिन बुरी ख़बर भी मिल रही है कि अगर मधुमक्खियाँ ख़त्म हो गई तो उससे मानव जाति का जीवन भी संकट में आ जाएगा इसका कारण यह है की मधुमक्खियाँ इंसानों के लिए अत्यधिक लाभदायक होती हैं, यदि लोगो ने जल्द ही ऐसे बचाने का उपाय नहीं किए तो यह पृथ्वी से विलुप्त हो सकती है।
क्यों आवश्यक है मधुमक्खियों को बचाना ?
मधुमक्खियाँ अगर लुप्त हो गई तो इससे मानव जीवन पर बहुत प्रभाव पड़ेगा। क्योंकि मधुमक्खियों को अन्य किसी चीज अथवा प्राणी से रिप्लेस नहीं किया जा सकता है। यह फूल-पौधों के मध्य का सम्बंध पृथ्वी पर सर्वाधिक व्यापक करती है। इन्ही के कारण करीब 10 करोड़ वर्षों से फूलों के मध्य के सामंजस्य द्वारा यह पृथ्वी समृद्ध बनी थी। इसलिए यह पर्यावरण की स्थिरता को बनाये रखने के लिए महत्वपूर्ण है।
इस समय धरती पर मधुमक्खियों की करीब 20, 000 से भी ज़्यादा प्रजातियाँ पाई जाती हैं। जिनमे से अधिकतर हीव्स में नहीं रहा करती हैं। यह प्रजातियाँ 2 मिमी से लेकर 4 सेमी के आकार में अलग-अलग प्रकार की होती हैं। यह सभी अलग अलग पौधों के लिए अनुकूल नहीं होती हैं, तब भी ख़ुद को उनके अनुसार अनुकूल करने का प्रयास करती हैं।
मधुमखियों से बढ़ती है पौधों की विविधता
प्रकृति में फूल पोधो का सबसे ज्यादा महत्व होता है। हम जितने भी प्रकार के खाद्य फसलें उपयोग में लाते हैं उसमें से करीब 75% खाद्य फसलें जिनसे बीज और फलों का उत्पादन होता है, उन पर मधुमक्खियों की वज़ह से ही परागण द्वारा केवल आंशिक तौर पर प्रभाव पड़ता है। विश्व में 87 प्रमुख खाद्य फसलें सम्पूर्ण या आंशिक रूप से परागण से ही संचालित हो पाती हैं। जिनमे मधुमक्खियाँ अपना योगदान देती हैं।
इसलिए हम कह सकते है की मधुमक्खियाँ के बिना मानव जीवन संकट में आ सकता है। इसके लिए इन्हे बचाने का लगातार प्रयाश जारी रखना है।