ऐसा कौन सा स्तनधारी उड़ने वाला जीव है जो मुंह से भोजन करता है, और मल भी मुँह से निकालता है?

चमगादड़ एक स्तनधारी उड़ने वाला जीव है, जो 1000 से भी ज्यादा प्रजातियों के साथ स्तनधारियों की दूसरी सबसे बड़ी गोल को बनाने का काम करता है निशाचर चमगादड़ पेड़ की डाली या फिर किसी अंधेरी गुफा के अंदर उल्टा लटके रहते हैं।

पक्षी अपने मुंह से भोजन और मल दोनों करता है

पुराने किले और खंडहरों में अपने आवास की व्यवस्था यह निशाचर उल्लू बनाते हैं। यह जानकर आपको भी हैरानी होगी कि यह निशाचर उल्लू अपने भोजन मुंह से करते हैं, तो मल भी मुंह से ही करते हैं। उनको समूहों में विभाजित किया जाता है। पहला समूह फल खाने वाले चमगादड़ होते हैं, जो देखकर और सुनकर अपने खाने की तलाश करते हैं। जबकि दूसरा समूह कीटों को खाने वाले छोटे चमगादड़ होते हैं जो आवाजों के द्वारा इसी को पहचान करके भोजन की तलाश करते है।

ऐसे होती चमगादड़ की रूपरेखा

स्तनधारी जीव एकमात्र ऐसा जीव है, जो दिन के उजाले और रात के अंधेरे दोनों में उड़ सकता है। इसकी बड़े-बड़े पंख परिवर्तित होते हैं, जो देखने में झिल्ली के समान लगते हैं। इसकी त्वचा की अगली गर्दन से लेकर हाथ की उंगलियों और शरीर के हर दिशा से होते हुए पूंछ तक चली जाती है और पंख को बनाती है। इनकी पिछली टांगे पतली छोटी और नख युक्त होती हैं बाल बेहद ही कमजोर होते हैं।

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2 ग्राम से 500 ग्राम तक होता है वजन

उनका वजन 2 ग्राम से 500 ग्राम तक का होता है और इनके पंखों का आकार 2.6 सेंटीमीटर से 15 सेंटीमीटर तक होता है। चमगादड़ उल्टे इसलिए लटकने के उल्टे लठके रहने से वे बड़ी आसानी से उड़ान भर सकते हैं। बाकी पक्षियों की तरह वे जमीन से उड़ान नहीं भर पाते। इसके पीछे की वजह उनके पंख उनके पिछले पर इतने छोटे और अविकसित होते कि प्रगति नहीं कर पाते हैं।

उल्टी लटक कर सोते हैं यह जीव

निशाचर जीव अंधेरी गुफाओं में दिन भर आराम करने के साथ अपनी नींद पूरी करते हैं। यह रात को ही निकलते इसीलिए इन्हें निशाचर भी कहा जाता है। इस तरह की एक व्यवस्था बनी हुई है कि उनका वजन ही उनके पंजों को मजबूती के साथ पकड़ने में मदद करता है। इतना ही नहीं कुछ देशों में इन्हें खाने के रूप में भी खाया जाता है। इसमें चीन सबसे आगे है।

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