संस्कृति तथा सभ्यता से जुड़ा व्यक्ति गवार नहीं होता, बल्कि कई बार समाज के प्रतिष्ठित लोगों में से भी होता है, जाने एक प्रतिष्ठित गवार महिला की कहानी
कई बार हम अच्छे कपड़े पहने लोगों को एक अच्छे परिवार का समझ बैठते हैं वही थोड़े पुराने ढंग के कपड़े पहने व्यक्ति को बैकवर्ड समझ बैठते हैं, अर्थात व्यक्ति के पहनावे और वेशभूषा से हम उनकी औकात को समझ बैठते हैं, क्योंकि कहा जाता है ना ‘डोंट जज ए बुक बाय इट्स कवर ‘ अर्थात किताब को हम उसके कवर से नहीं आंक सकते। जो चीज बाहर से अच्छी दिखे जरूरी नहीं वह अंदर से भी अच्छी होगी।
पहनावा से पहचान न करे
दरअसल यह कहानी राजस्थान के सीकर जिले के श्रीमाधोपुर की है, वहां की एक महिला की वेशभूषा को देखकर वहां के लोग उसे अनपढ़ और गवार समझ बैठे, क्योंकि महिला ने गांव के ही तरह का सामान्य सा कपड़ा पहना हुआ था। लेकिन जब लोगों को उस महिला की वास्तविकता के बारे में पता चला तो उन लोगों को आश्चर्य का ठिकाना ना रहा।
दरअसल वह महिला एक आईएएस अधिकारी थी, इस आईएएस अधिकारी का नाम मोनिका यादव है।
इस तस्वीर में मोनिका ने एक राजस्थानी वेशभूषा पहना हुआ है तथा उनके साथ एक नवजात शिशु भी है। उस तस्वीर से जरा सा भी अंदाजा नहीं लग रहा है कि यह एक आईएएस अधिकारी है। जहां लोग आईएएस अधिकारी बनने के बाद अपनों से भी किनारा कर लेते हैं वहां यह आईएएस अधिकारी ने अपने ग्रामीण वेशभूषा को भी नहीं छोड़ा।
लोग इस राजस्थानी आईएएस अधिकारी की सादगी को देख उनके फैन हो गए हैं।
मोनिका यादव के पिता एक आईआरएस अधिकारी है, बचपन से ही मोनिका के मन में पिता के पद चिन्हों पर चलने का सपना था। कई साल की मेहनत के बाद 2014 में उन्हें सफलता मिली। आईएएस अधिकारी बनने के बाद उन्होंने आईएएस अधिकारी सुशील यादव से शादी रचाई। शादी के बाद उन्हें एक बेटी हुई, इसी बेटी के संग वह राजस्थानी वेशभूषा में फोटो के संग नजर आई।
मोनिका वर्तमान में डीएसपी पद पर अपनी सेवाएं दे रही हैं। वह अपने इलाके की एक सक्रिय अधिकारी है। उन्हें अपने कार्य की वजह से प्रथम पुरस्कार भी हासिल हो चुका है। इस दौरान उन्होंने देश की संस्कृति और मान मर्यादा का पूर्ण ख्याल रखा है । इतनी बड़ी पोस्ट होने के बावजूद वे सादगी में रहना पसंद करती हैं