कभी अकेले दम पर जिताते थे मैच, 32 के उम्र क्रिकेट को कह सकते है अलविदा

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जिसके दम पर जीतती थी इंडिया टीम, आज उसी का भविष्य, कैरियर है मुश्किल के दौर में,

भारत की पसंदीदा खेलों में क्रिकेट का नाम सर्वप्रथम आता है, तो यहां काफी बच्चे अपना भविष्य क्रिकेट में ढूंढते हैं, इस कारण क्रिकेट टीम में किसी का चयन होना जितना मुश्किल है उससे ज्यादा उस टीम में अपना स्थान बरकरार रहना और भी मुश्किल है। क्योंकि जितने ज्यादा अच्छे खिलाड़ी टीम के अंदर होते हैं उतने ही क्रिकेट टीम के बाहर अपने चुनाव के लिए भी खडे रहते है।

उसी में अगर किसी खिलाड़ी के परफॉर्मेंस कुछ मैचों में अच्छी ना रहे तो उन्हें चयनकर्ता बाहर का रास्ता तुरंत दिखा देते हैं। इन्हीं खिलाड़ियों ने एक नाम आता है मनीष पांडे का, उन्हें चयनकर्ताओं ने काफी मौका दिया परंतु उनका परफॉर्मेंस अभी अच्छा नहीं चल रहा है।

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मनीष पांडे ने अब तक टीम इंडिया के लिए 30, T20 इंटरनेशनल मैच खेला है, जिसमें उन्होंने 709 रन बनाए, वैसे तो वह हमेशा इंडिया टीम में आते और जाते रहते हैं परंतु 2021 में हुए आईपीएल में सनराइजर्स हैदराबाद की टीम की तरफ से खेलते हुए कमजोर कड़ी साबित हुए।

एक समय ऐसा था कि इस खिलाड़ी को भारत का भविष्य माना जाता था, सन 2015 में जिंबाब्वे के खिलाफ 86 गेंदों में 71 रन बनाए, इसके अगले ही साल सिडनी में 80 गेंदों पर 104 रन बनाए और टीम की जीत को पक्का किया। क्योंकि इनका टीम में कोई स्थाई स्थान नहीं था इस कारण यह टीम में आते हो जाते रहे।

इस बार के आईपीएल में मनीष पांडे को लखनऊ सुपरजाइंट्स ने 4.6 करोड़ में खरीदा है। लखनऊ सुपरजाइंट्स ने इन्हें अपनी टीम में रखकर काफी बड़ा रिस्क लिया है, इस बार सनराइजर्स हैदराबाद ने उन्हें अपनी टीम में नहीं रखा क्योंकि उनका पिछला प्रदर्शन काफी निराशाजनक रहा।

पहले कोलकाता नाइट राइडर्स औऱ सनराइजर्स हैदराबाद के लिए ढेरों रन बनाने वाले मनीष पांडे जी अपना आईपीएल करियर की शुरुआत रॉयल चैलेंज बेंगलुरु के संग की। 2009 में आईपीएल में शतक लगाने वाले पहले भारतीय होने का गौरव इन्हें प्राप्त हुआ, इन्होंने डेक्कन चार्जर्स हैदराबाद के खिलाफ मैच खेलते हुए मात्र 73 रन ने 144 रन की पारी खेली, इस मैच में उन्होंने 10 चौके और 6 छक्के लगाए, उस समय इस मैच के कप्तान अनिल कुंबले थे।

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