पंकज त्रिपाठी को आज हम सभी बहुत अच्छे तरह से जानते है, लेकन इनका यहां तक का सफर इतना आसान नहीं है, हमे लगता है। आज हम आपको पंकज त्रिपाठी के बारे में कुछ ऐसा बताने जा रहे है जो शायद आप सभी नहीं जानते है। सफ़लता का शिखर छूने के लिए संघर्ष और कड़ी मेहनत की भट्टी में तपना पड़ता है, इस बात को पंकज त्रिपाठी ने सही साबित किये है।
पंकज त्रिपाठी हिंदी सिनेमा के एक सफल अभिनेता है, वे अब तक बॉलीवुड की कई हिट फिल्मों में काम कर चुके हैं। लोगो के बिच आज उनकी लोकप्रियता किसी मुख्य कलाकार से कम नहीं है उनके कई फेन्स है जो उन्हें बहुत प्यार करते है।
मुंबई में संघर्ष
44 साल के पंकज त्रिपाठी का जन्म 5 सितंबर 1976 को बिहार के बेलसंद में हुआ था, यह एक छोटे परिवार से आते है। आज गांव से निकलकर उन्होंने सपनों के शहर मुंबई में खुद को स्थापित किया और यहां रहने वाले सिनेमा दिग्गज़ों और बड़े सितारों में आज उनका नाम भी गिना जाता है। आज उनके गजब की अदाकारी और संवाद शैली से पंकज त्रिपाठी ने दर्शकों का दिल जित लिया है।
खुद पंकज त्रिपाठी ने शायद ही कभी यह सोचा होगा की करोड़ों दर्शकों के दिलों पर राज कर पाएंगे। एक समय था जब मुंबई के अंधेरी में सडकों पर घूम-घूम कर लोगों से काम मांगा करते थे और कहते थे कि “कोई एक्टिंग करवा लो, कोई एक्टिंग करवा लो.” लेकिन आज उनके सामने काम देने के लिए लोगो की लाइन लगी हुई है। उनका किसी फिल्म में होना फिल्म के सफ़ल होने की गारंटी माना जाता है।
सफलता की कहानी
उन्होंने बताया की फिल्मों में कदम रखने के बावजूद एक समय उनके पास पैसों की कमी थी, यहां तक कि वे अपने घर का खर्च तक नहीं चला पाते थे, लेकिन उस समय उनका साथ उनकी पत्नी मृदुला त्रिपाठी ने दिया था। वही घर का पूरा खर्चा चलाती थी। पंकज ने अपने साक्षात्कार में कहा था कि, ‘ईमानदारी से बताऊं तो मैंने साल 2004 से 2010 के बीच कुछ भी नहीं कमाया उस समय मेरी पत्नी ही घर का सारा खर्च उठाती थी।
इन सब के बावजूद भी पंकज त्रिपाठी की बेहतरीन अदाकारी को हम सभी ने गैंग्स ऑफ वासेपुर’,‘बरेली की बर्फी’, ‘लुकाछिपी’, ‘न्यूटन’ जैसी और भी कई ढेरों फिल्मों में देखा है। इसके साथ ही वह कई वेबसीरीज में भी काम कर चुके है, जिसमे ‘मिर्ज़ापुर’ के कालीन भइया, ‘सेक्रेड गेम्स’ के गुरू जी हों या वासेपुर के सुल्तान इसमें उनका अभिनय देखने लायक है।