हमने अक्सर फिल्मो में हीरो को हाथ में सिगरेट लेकर कश लगते देखा है, लेकिन आज हम आपको एक एसी एक्ट्रेस के बारे में बता रहे है, जिसने हीरो की तरह अपने जीवन को जिया | तीखे नैन-नख़्श, डार्क मेकअप, फ़ैशनेबल कपड़े, हीरो से खुलकर प्यार का इज़हार करने वाली, बॉलीवुड ने खलनायिका की यही तस्वीर हमारे सामने उकेरी है | हमने बॉलीवुड फ़िल्मों में हीरोईन को अकसर शर्मीली, सताई हुई और खलनायिका को हीरोईन पर ज़ुल्म ढहाते दिखाया गया है, लेकिन यह उससे बिलकुल अलग है | आज हम आपको बताने जा रहे है, फ़्लोरेंस एज़िकियल उर्फ़ नादिरा (Florence Ezekiel aka Nadira) के बारे में जिनके रहन सहन को अन्य एक्ट्रेस की तुलना में काफी अलग बताया है |
जानिये नादिरा कौन थीं?
नादिरा का जन्म 5 दिसंबर, 1932 को जन्म हुआ, जन्म के बाद उनका नाम Florence Ezekiel रखा गया | कुछ रिपोर्ट्स में उनका नाम फ़रहत भी बताया जाता है | रिपोर्ट्स के अनुसार उनका जन्म बग़दाद, इराक बताती हैं, कुछ इज़रायल बताती हैं और कुछ मुंबई (Mumbai).
नादिरा का सफ़र-ए-बॉलीवुड
बॉलीवुड में कई एंग्लो इंडियन्स, ग़ैर भारतीय मूल के कलाकारों ने काम किया और नादिरा भी उनमें से एक ही थीं, जिसने यहा की फिल्मो में काम कर अपना नाम कमाया है | नादिरा यहूदी (Jew) धर्म का पालन करती थीं, ऐसा कुछ मीडिया रिपोर्ट्स कहते हैं, नादिरा ने 12 साल की उम्र में बॉलीवुड में एंट्री की थी|
उस समय इन्होने अपने लिए अलग किरदारों का चुनाव किया | वह बॉलीवुड की पहली अभिनेत्री थी जिन्होंने खलनायिका (Vamp) का किरदार निभाया | 50 और 60 के दशक में नादिरा ने 70 से ज़्यादा फ़िल्में की | नादिरा को फ़िल्मी दुनिया से निर्देशक महबूब खान की पत्नी सरदार बेगम ने मुखातिब करवाया | नादिरा को 1952 में आई आन (Aan) में पहला बड़ा ब्रेक मिला. इस फ़िल्म में उन्होंने एक राजपूत राजकुमारी का रोल किया, फ़िल्म में उन्होंने एक बोल्ड सीन दिया था |
इसके अलावा वे श्री 420 (Shree 420), दिल अपना और प्रीत पराई, पाकिज़ा (Pakeezah), जूली (Julie), अमर अकबर एंथनी (Amar Akbar Anthony) जैसी फ़िल्मों में भी नज़र आईं | जूली के लिए नादिरा को बेस्ट सपोर्टिंग एक्ट्रेस का अवॉर्ड मिला, 2000 में आई जोश (Josh) नादिरा की आख़िरी फ़िल्म थी | मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो 1949 में नादिरा की सैलरी 1200 रुपये थी और रोल्स रॉयस खरीदने वाली वो पहली अभिनेत्री थीं |
उनकी जिन्दगी उतार-चढ़ाव से भरी रही
आपको बता दे की नादिरा ने शायर नख्शाब से शादी की थी, यह शादी ज़्यादा दिन नहीं चली और एक हफ़्ते में ही टूट गई थी | मोतीलाल राजवंश से भी नादिरा का नाम जोड़ा गया |
अंतिम समय में कोई साथ नहीं था
अंतिम समय में नादिरा के साथ कोई नहीं था, सिवाय उनकी हाउसहेल्प शोभा के अलावा | नादिरा पेद्दार रोड, मुंबई स्थित वसुंधरा बिल्डिंग की तीसरी मंज़िल पर रहती थीं उनके साथ रहने वाली शोभा का कहना था कि वो अपनी चीज़ें किसी को नहीं छूने देती थीं और अपनी ज़िन्दगी के किस्से सुनाया करती थी | नादिरा ने 9 फरवरी 2006 को दुनिया को अलविदा कह दिया, लेकिन उनके फिल्मो में किये काम को लोग आज भी याद करते है |