जब हम एक कमरे से दूसरे कमरे में जाते हैं तो पहले कमरे की सारी बिजली की स्विच ऑफ कर देते हैं, इसकी दो वजह है, पहला कि हमें बिजली की बचत करनी चाहिए ऐसा सिखाया जाता है, दूसरा हमारा बिजली की बचत से पैसे की भी बचत होती है, पर गर्मी के मौसम में बिजली कंपनी वाले एक नया सौगात लेकर आ रहे हैं, जिसमें आप कितनी भी बिजली का प्रयोग करें आप बिजली के बिल से छुटकारा पाएंगे , घर में कितनी भी लाईट पंखे फ्रिज एसी कूलर कुछ भी चले परंतु अब हम भारी-भरकम बिल से निजात पा सकते हैं।
बिजली के बिल से छुटकारा पाने के लिए बस एक नई तकनीक का सहारा लेना पड़ेगा। मध्य प्रदेश के काफी लोग इस तकनीकी का सहारा लेकर बिजली में ₹1 भी नहीं दे रहे हैं, यहां तक कि शहर में कई घर ऐसे हैं जिनके यहां तो बिजली का कनेक्शन भी नहीं है। बिजली के बिल से छुटकारा हो और बिजली भी हो, इसके लिए जो तकनीक अपनाई गई है वह है सौर ऊर्जा का संयंत्र को लगवा लेना।
सौर ऊर्जा संयंत्र को लगवाने के लिए डेढ़ से ₹2 लाख का खर्च आता है, इसको लगवाने के बाद हर माह बिजली बिल में सब्सिडी भी मिल सकती है।
इस संयत्र से जिले के करीब 200 से अधिक उपभोक्ताओं को फायदा मिला है, अब बिजली है या नहीं है,वोल्टज हाई है या लो है इनसे इन लोगों को कोई फर्क नहीं पड़ता। बस एक बार निवेश करना है और बिजली के बिल से मुक्ति मिल जाना है।
इंस संयंत्र की शुरुआत शहर के कस्तूरबा नगर क्षेत्र के गली नंबर 6 में रहने वाले सीएल सालित्रा शिक्षा विभाग में उच्च पद पर कार्यरत व्यक्ति ने की। उनके घर मासिक के करीब 8 से ₹10000 आता था, उन्होंने 6 माह पहले 4 किलो वाट का यह संयंत्र लगवाया, अब 400 यूनिट बिजली हर माह यह बना रहे हैं इनके यहां कुल 9 पैनल है इन्होंने हर पैनल में 445 व्हाट दिया है जिससे हर माह 75 से 100 यूनिट बिजली को ऊर्जा विभाग को दे रहे हैं। शुरुआत में उन्होंने ₹200000 की लागत लगाई।
इसी प्रकार शहर के ही जवाहर नगर में रहने वाले अशोक कुमार ने भी 3 किलो वाट का सौर ऊर्जा पैनल लगवाया, कैंडल लगाने से पहले वह 12 से 15,000 काबिल दुकान पर उनके आता था पर अब हालत यह है कि सिर्फ बिजली का बिल आना ही बंद नहीं हुआ बल्कि अतिरिक्त उत्पादन करके बिजली कंपनी को हर माह औसतन 100 से 110 यूनिट बिजली दे रहे हैं।
सौर ऊर्जा का सबसे बड़ा लाभ यह है कि आप ना सिर्फ अपने लिए बिजली बनाते हैं बल्कि बिजली कंपनी के लिए भी ऊर्जा का उत्पादन कर सकते हैं।