कहते हैं ना किसी भी व्यक्ति के जीवन का 3 ही आधार है रोटी कपड़ा और मकान, इस छोटे से पेट के लिए व्यक्ति न जाने कितनी मेहनत करता है, तब जाकर उसे दो टाइम की रोटी मिलती है,। परंतु सोशल मीडिया पर अभी कहानी काफी तेजी से वायरल हो रही है, जिसमें गरीबी के मारे एक एक महिला ने ऐसा निर्णय लिया कि हर व्यक्ति हैरान ही रह गया।
यह कहानी है झारखंड के गुमला जिले की, जहां पर अंबेडकर नगर में रहने वाली गुड़िया देवी ने गरीबी के कारण अपने कुछ ही घंटे पहले पैदा हुए अपने नवजात शिशु को हरिजन मोहल्ले में एक परिवार को मात्र ₹5000 में बेच दी।
गुड़िया देवी के परिवार में उनके पति के अलावा उनके तीन बच्चे आकाश कुमार, खुशी कुमारी तथा दीपावली है, गरीबी के कारण गुड़िया के दो बच्चे अकाश तथा खुशी बिहटा के ईट भटे में काम करते हैं, तथा तीसरी बच्चे उसी के संग रहती है, तथा चौथे बच्चे को उसने अन्य आदमी के हाथ बेच दिया है। हालांकि जैसी ही है बात प्रशासन को पता चली अनुमंडल पदाधिकारी रवि आनंद और जिला आपूर्ति पदाधिकारी गुलाम समदानी ने घर जाकर परिवार को यह पूरा चावल साड़ी तथा कंबल दिया।
जिला आपूर्ति पदाधिकारी ने बताया जैसे ही उन्हें इस बात की जानकारी हुई कि उस गुड़िया नाम की महिला ने अपने नवजात शिशु को मात्र 5000 में बेच दिया, वैसे ही उन्होंने मानवता का परिचय देते हुए उस महिला को 1 महीने के लिए खाने पीने की व्यवस्था पहनने के लिए कपड़ा तथा ठंड से बचने के लिए पूरे परिवार को कंबल दिया, साथ ही कुछ पैसे की भी सहायता की प्रशासन ने वार्ड पार्षद को बच्चे वापस लाने का भी निर्देश दिया।
इसी के संग प्रशासन ने परिवार को सामाजिक सुरक्षा के तहत अन्य परियोजनाओं से भी जोड़ने का भरोसा दिलाया वैसे तो गुड़िया देवी की शारीरिक स्थिति ठीक नहीं है अतः उसके इलाज के साथ-साथ दोनों बच्चों को पटना से गुमला जाने की भी कोशिश में प्रशासन ने साथ देने का वादा किया।