अगर हम पौराणिक विधान से दिनों को देखे तो हर दिन का एक विशेष गुण तथा अवगुण होता है। इसी चीज के अंतर्गत हमें पौराणिक मान्यताओं के अनुसार खरमास में कुछ नियमों का पालन करना जरूरी होता है। 2022 में खरमास 14 मार्च की रात्रि में करीब 2:39 से प्रारंभ होगा। इस समय अवधि में सूर्य कुंभ से निकलकर मीन राशि में बृहस्पति की राशि में प्रवेश करेगा। ऐसा कहा जाता है कि इस योग में खरमास की प्रारंभ होती है। इसके ठीक बाद 14 अप्रैल 2022 की सुबह 10:53 पर सूर्य मेष राशि में प्रवेश करके खरमास को समाप्त करेगा।
इस प्रकार 15 मार्च से लेकर 14 अप्रैल तक की अवधि खरमास कह लाएगी इस दौरान हमें कुछ विशेष सावधानी रखनी चाहिए।
आइए हम खरमास के बारे में कुछ खास बात जाने
ज्योतिष तत्व विवेक नामक ग्रंथ ने बताया है कि यदि सूर्य की राशि में गुरु हो और गुरु की राशि में सूर्य हो तो वह काल गुरुवा दित्य कहलाता है ऐसी अवधि में कोई भी शुभ कार्य नहीं करना चाहिए।
खरमास में अगर दान किया जाए तो वह तीर्थ यात्रा के समान ही फल देता है।
खरमास के महीने में अगर निस्वार्थ भाव से व्रत किया जाए तो उसका अटूट फल मिलता है और सभी पापों से मुक्ति मिलती है।
खरमास में अगर जरूरतमंद लोगो, साधु संत तथा दुखी लोगों की सेवा करना जरूरी है तो खरमास में दान के साथ-साथ शायद और मंत्र जाप का भी विधान है।
खरमास में नए कपड़े आभूषण मकान वाहन और रोजमर्रा की जरूरी चीजों को खरीदने से बचना चाहिए तथा कोई भी शुभ कार्य नहीं करना चाहिए।
खरमास में नए जेवर तथा रत्न को खरीद तो सकते हैं परंतु इस अवधि में इसको धारण नहीं करना चाहिए।
खरमास में करण भेदन, मुंडन, यज्ञोपवीत, गुरुकुल से विदाई, विवाह, तीर्थ यात्रा नहीं करना चाहिए, तथा इस महीने में तामसिक भोजन को भी नहीं करना चाहिए।